कृष्णानगर के पकरी में रहने वाली वृद्धा सुनीता का मकान कब्जा कराने के आरोप में दरोगा सुनील मौर्या, हेड कांस्टेबल कप्तान सिंह और कांस्टेबल मोहन को निलंबित कर दिया.इसके साथ ही इंस्पेक्टर की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं. यह कार्रवाई पुलिस उपायुक्त दक्षिणी केशव कुमार ने की. पूरे मामले की जांच अपर पुलिस उपायुक्त को सौंपी है.
सुनीता के मुताबिक दो को संदीप यादव के साथ करीब 20-25 लोग घर पहुंचे. गालीगलौज कर मकान खाली करने का दबाव बनाया. विरोध पर सामान बाहर फेंकना शुरू कर दिया. जान से मारने की धमकी दी. वह कृष्णानगर थाने पहुंचीं, जहां दरोगा सुनील मौर्या, हेड कांस्टेबल कप्तान सिंह व कांस्टेबल मोहन मिले. उन्होंने सुनवाई नहीं की थी. दबंगों ने सारा सामान घर के बाहर फेंक दिया था. पुलिस कार्रवाई के नाम पर टालमटोल करती रही. इसके बाद उच्चाधिकारियों से मामले की शिकायत की थी. मामला संज्ञान में आने पर पुलिस उपायुक्त दक्षिणी के आदेश पर संदीप और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा भी लिखा गया था. पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने बताया कि पूरे मामले की जांच अपर पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) राजेश यादव को सौंपी गई है. जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
आठ लाख में कराया था मकान का एग्रीमेंट
सुनीता ने बताया कि मकान विजयलक्ष्मी के नाम से था. वह उनकी मकान मालकिन थीं. उनकी जरूरत के समय पूरी मदद करती थीं. उनकी देखरेख भी करती थीं. विजय लक्ष्मी ने वर्ष 2000 में आठ लाख रुपये में मकान का एग्रीमेंट किया था. पुलिस को एग्रीमेंट के दस्तावेज भी दिखाए
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